Kedarnath helicopter Crash: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास रविवार सुबह 5:20 बजे एक दुखद हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की जान चली गई। आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित बेल 407 हेलिकॉप्टर (VT-BKA) केदारनाथ मंदिर से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था, जब गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच घने जंगल में यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलिकॉप्टर में पांच तीर्थयात्री, एक बच्चा और पायलट सवार थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, खराब मौसम और कम दृश्यता इस हादसे का मुख्य कारण मानी जा रही है।
मृतकों की पहचान
मृतकों में महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के जायसवाल परिवार के तीन सदस्य शामिल हैं: राजकुमार जायसवाल, उनकी पत्नी श्रद्धा जायसवाल और उनकी दो वर्षीय बेटी काशी राजकुमार जायसवाल। अन्य मृतकों में स्थानीय निवासी विक्रम रावत (बीकेटीसी कर्मचारी), विनोद नेगी, तृष्टि सिंह और पायलट राजवीर शामिल हैं।
Kedarnath helicopter Crash: मुआवजे की घोषणा
आर्यन एविएशन की ओर से मुआवजा: आर्यन एविएशन ने प्रत्येक मृतक के परिवार के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। कंपनी ने एक बयान में कहा, “हम इस त्रासदी से गहरे दुख में हैं और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।” मुआवजा राशि तत्काल प्रभाव से वितरित की जाएगी, और कंपनी ने प्रभावित परिवारों के लिए मुफ्त परिवहन और अन्य सहायता की भी पेशकश की है।
उत्तराखंड सरकार का मुआवजा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रत्येक मृतक के परिवार के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “यह हादसा अत्यंत दुखद है। हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं और उन्हें हर संभव मदद प्रदान करेंगे।” इसके अलावा, सरकार ने जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जो 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
बीमा मुआवजा: बीमा कंपनियों, जिनमें न्यू इंडिया एश्योरेंस और अन्य शामिल हैं, ने प्रत्येक मृतक के लिए 25 लाख रुपये तक का बीमा मुआवजा देने की पुष्टि की है। यह राशि मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, 1999 के तहत दी जाएगी, जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए लागू होती है, हालांकि यह उड़ान घरेलू थी, फिर भी बीमा नियम लागू होंगे।
Kedarnath helicopter Crash: हादसे का विवरण
हेलिकॉप्टर ने सुबह 5:17 बजे केदारनाथ हेलीपैड से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी। घाटी में अचानक मौसम खराब होने के कारण पायलट ने हेलिकॉप्टर को गौरी माई खर्क के ऊपर जंगली क्षेत्र में उतारने की कोशिश की, लेकिन यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया और आग लग गई। रुद्रप्रयाग के जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने बताया, “हेलिकॉप्टर ने खराब मौसम के कारण रास्ता भटक गया था।”
बचाव और जांच
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं, लेकिन घने जंगल और खराब मौसम ने बचाव कार्यों में बाधा डाली। गढ़वाल रेंज के इंस्पेक्टर जनरल राजीव स्वरूप ने कहा, “दुर्घटना स्थल बहुत दुर्गम है, जिसके कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण रहा।”
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने चारधाम यात्रा के लिए सभी हेलिकॉप्टर सेवाओं को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। DGCA ने आर्यन एविएशन के संचालन की जांच शुरू की है, जिसमें हेलिकॉप्टर की रखरखाव स्थिति, पायलट प्रशिक्षण और यात्री क्षमता नियमों की जांच शामिल है। आरोप लग रहे हैं कि हेलिकॉप्टर में निर्धारित से अधिक यात्री सवार थे और एक UKBTC कर्मचारी बिना टिकट के चढ़ा था।
Kedarnath सुरक्षा पर सवाल।
यह हादसा चारधाम यात्रा मार्ग पर पिछले 45 दिनों में चौथा हेलिकॉप्टर हादसा है। 7 जून को एक हेलिकॉप्टर ने गुप्तकाशी-गौरीकुंड राजमार्ग पर आपातकालीन लैंडिंग की थी, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ था। मई में उत्तरकाशी में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में छह लोगों की मौत हुई थी। विशेषज्ञों ने एकल-इंजन हेलिकॉप्टरों के उपयोग और अप्रत्याशित मौसम में उड़ान भरने की प्रथाओं पर सवाल उठाए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “रुद्रप्रयाग जिले में हेलिकॉप्टर दुर्घटना का दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। मैं बाबा केदार से सभी यात्रियों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शोक जताया और विमानन सुरक्षा पर सवाल उठाए।
केदारनाथ हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने एक बार फिर चारधाम यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। मुआवजे की घोषणा और जांच शुरू होने के बावजूद, बार-बार होने वाली इन घटनाओं ने नियामक ढांचे और ऑपरेटरों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सरकार और विमानन अधिकारियों से उम्मीद है कि वे भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएंगे।
