फवाद खान, वाणी कपूर, अबीर गुलाल, मुंबई 02 अप्रैल 2025: अप्रैल 2025 में बॉलीवुड और राजनीतिक हलकों में एक नया विवाद छिड़ गया है, जब फवाद खान और वाणी कपूर की आगामी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ पर महाराष्ट्र में विरोध शुरू हो गया। यह फिल्म, जो एक रोमांटिक ड्रामा है, पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की भारतीय सिनेमा में वापसी के रूप में देखी जा रही थी, लेकिन अब इसका रिलीज़ डेट खतरे में पड़ता दिख रहा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और कुछ अन्य संगठनों ने फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं, जिससे मेकर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं।
फिल्म ‘अबीर गुलाल’ पर महाराष्ट्र में विरोध
फवाद खान, जो 2016 में ‘ए दिल है मुश्किल’ के बाद से भारतीय सिनेमा से दूर थे, ‘अबीर गुलाल’ के साथ फिर से दर्शकों के सामने आने वाले थे। फिल्म में वाणी कपूर उनके अपोजिट नजर आएंगी, और इसे एक भावनात्मक प्रेम कहानी के रूप में प्रचारित किया गया था। ट्रेलर और पोस्टर्स ने अच्छा रिस्पॉन्स भी पाया था, लेकिन जैसे ही रिलीज़ डेट नजदीक आई, राजनीतिक संगठनों ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी। मनसे के नेता ने दावा किया कि पाकिस्तानी एक्टर्स को भारतीय फिल्मों में जगह देना देश की सुरक्षा और भावनाओं के खिलाफ है। उन्होंने धमकी दी कि अगर फिल्म रिलीज़ हुई, तो महाराष्ट्र में सिनेमाघरों के बाहर प्रदर्शन होंगे।

विरोध की शुरुआत मुंबई में हुई, जहां कुछ कार्यकर्ताओं ने फिल्म के पोस्टर्स जलाए और मेकर्स के खिलाफ नारेबाजी की। सोशल मीडिया पर भी #BoycottAbeerGulaal ट्रेंड करने लगा, जहां कई यूजर्स ने फवाद खान की मौजूदगी पर सवाल उठाए। कुछ ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को देखते हुए, ऐसे कदम उचित हैं, जबकि दूसरों ने इसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान का हिस्सा बताया। फिल्म के डायरेक्टर, जो एक जाने-माने नाम हैं, ने अभी तक इस विवाद पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन मेकर्स ने कहा है कि वे कानूनी रास्ते अपनाएंगे।
‘अबीर गुलाल’ की कहानी दो पड़ोसी देशों के बीच प्यार और समझदारी की है, जो फवाद और वाणी के किरदारों के जरिए दिखाई गई है। फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रिलीज़ करने की योजना थी, लेकिन महाराष्ट्र में विरोध के कारण डिस्ट्रीब्यूटर्स घबराए हुए हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेकर्स अब रिलीज़ डेट को टालने पर विचार कर रहे हैं या फिर केवल डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ करने की योजना बना रहे हैं। ट्रेड एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर विरोध और बढ़ा, तो फिल्म को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र बॉक्स ऑफिस का एक बड़ा बाजार है।

फवाद खान की भारतीय सिनेमा में वापसी को लेकर पहले से ही बहस थी। 2016 में, जब भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव था, तब फवाद की फिल्मों पर बैन लगाने की मांग उठी थी, और उन्हें भारत छोड़ना पड़ा था। अब, उनकी वापसी को कुछ लोग सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे अस्वीकार्य बता रहे हैं। वाणी कपूर, जो फिल्म में फवाद के साथ लीड रोल में हैं, ने अभी तक इस विवाद पर चुप्पी साधी है, लेकिन उनके फैंस सोशल मीडिया पर उनका समर्थन कर रहे हैं।
राजनीतिक संगठनों के अलावा, कुछ फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी इस विरोध से नाराज हैं। एक वरिष्ठ डायरेक्टर ने कहा कि कला और राजनीति को अलग रखना चाहिए, और फवाद जैसे टैलेंटेड एक्टर को मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन मनसे और अन्य समूहों का कहना है कि वे देश की भावनाओं से समझौता नहीं करेंगे। इस बीच, सोशल मीडिया पर #SupportAbeerGulaal भी ट्रेंड करने लगा, जहां फैंस ने फिल्म को सपोर्ट करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक मनोरंजन है, न कि राजनीतिक स्टेटमेंट।
फिलहाल, ‘अबीर गुलाल’ की रिलीज़ पर संकट मंडरा रहा है। मेकर्स कोर्ट में जाने या सरकार से इजाजत लेने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी unclear है। अगर विरोध जारी रहा, तो यह फिल्म इंडस्ट्री में एक नया विवाद खड़ा कर सकता है, जहां क्रॉस-बॉर्डर कॉलैबोरेशन पर सवाल उठने लगेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि मेकर्स इस चुनौती से कैसे निपटते हैं और क्या फवाद खान एक बार फिर भारतीय सिनेमा में अपनी जगह बना पाते हैं।
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