नई दिल्ली | SIPRI : पाकिस्तान भले ही बार-बार एटम बम की धमकी देता हो, लेकिन भारत अब चुपचाप अपनी न्यूक्लियर ताकत में बढ़ोतरी कर रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की नई रिपोर्ट ने दुनिया को चौंकाया है, जिसमें बताया गया कि भारत के पास अब 180 परमाणु हथियार हो चुके हैं। यह आंकड़ा पाकिस्तान से आगे निकल चुका है, जिसके पास अब 170 न्यूक्लियर वेपन हैं।
भारत के परमाणु हथियारों की संख्या में उछाल
2023 में भारत के पास जहां 172 परमाणु हथियार थे, वहीं 2024 में यह संख्या 180 तक पहुंच गई है।
➡️ पाकिस्तान के पास 170 न्यूक्लियर वेपन
➡️ चीन की संख्या 500 तक मानी जा रही है
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अपने परमाणु हथियारों को ले जाने वाले सिस्टम यानी मिसाइल्स को भी अपग्रेड कर रहा है।
भारत की कैनिस्टराइज्ड मिसाइलें: अधिक ताकतवर और सुरक्षित
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अब ऐसी कैनिस्टराइज्ड मिसाइलें विकसित कर ली हैं जिनमें परमाणु हथियार पहले से लोड किए जा सकते हैं।
🔹 युद्ध के समय त्वरित रेस्पॉन्स
🔹 शांति के समय भी तैयारी पूरी
🔹 भविष्य में एक मिसाइल से कई निशानों को एकसाथ तबाह करने की क्षमता
Agni-P और MIRV सक्षम Agni-5 मिसाइलें
भारत के नए मिसाइल सिस्टम में शामिल हैं:
Agni Prime (Agni-P):
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अग्नि सीरीज की सबसे एडवांस्ड मिसाइल
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कैनिस्टराइज्ड
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रेंज: 1000 से 2000 किमी
Agni-5 (MIRV टेक्नोलॉजी):
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एक मिसाइल से कई टारगेट पर हमला
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रेंज: 5000 किमी से अधिक
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2023 में हुआ था सफल परीक्षण
SIPRI की चेतावनी: गलती से भी परमाणु युद्ध का खतरा
SIPRI के शोधकर्ता मट कोरडा ने चेतावनी दी है कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच जो 3-4 दिन की झड़प हुई थी, वह मामूली होते हुए भी परमाणु युद्ध की आशंका को जन्म देती है।
➡️ परमाणु ठिकानों पर हमले
➡️ गलत सूचनाएं
➡️ मिसकैल्कुलेशन – बन सकते हैं वैश्विक तबाही का कारण
पाकिस्तान भी जुटा हथियार बनाने में
SIPRI की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान भी परमाणु हथियारों के निर्माण की सामग्री इकट्ठा कर रहा है।
यह दर्शाता है कि इस्लामाबाद भी न्यूक्लियर ताकत को बढ़ाने की दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहता।
निष्कर्ष: भारत तैयार है, जवाब देने के लिए नहीं — बल्कि रोकने के लिए
भारत की यह नीति स्पष्ट है—हम पहले हमला नहीं करेंगे, लेकिन अगर हमला हुआ, तो मुंहतोड़ जवाब जरूर देंगे।
SIPRI की यह रिपोर्ट भारत की रणनीतिक तैयारी और परमाणु संतुलन को दुनिया के सामने लाने वाली है।