लेखक खुद को Kindle का शुरुआती उपयोगकर्ता बताते हैं — भारत में आधिकारिक लॉन्च से पहले ही इसे मंगवाया। एक ऐसे समय में जब किताबें लाइब्रेरी तक सीमित थीं, Kindle ने उन्हें एक महाशक्ति दी — दुनिया की लगभग हर किताब तक त्वरित पहुँच।
नया Kindle Paperwhite पिछले मॉडल की तुलना में पतला है और अब इसे सेटअप करना पहले से भी आसान हो गया है। बस अपने फोन से Kindle ऐप खोलें और नए डिवाइस को जोड़ लें। Amazon का frustration-free सेटअप Kindle पर शानदार तरीके से काम करता है — अब ई-पेपर स्क्रीन पर ID और पासवर्ड डालने की झंझट नहीं।
– एक बार लॉग इन करने के बाद आपको अपनी पहले से खरीदी गई सभी किताबें मिल जाती हैं। यदि आपके पास Kindle Unlimited नहीं है, तब भी प्राइम मेंबर्स के लिए मुफ़्त किताबों की सिफारिशें मिलती हैं। अब सीधे डिवाइस से UPI से किताबें खरीदना भी आसान हो गया है। –
पन्ने पहले से अधिक तेज़ पलटते हैं और कोई भूत-प्रेत इफेक्ट नहीं होता। बैकलाइटिंग अब इतनी तेज़ है कि आप बिना कमरे की लाइट के पढ़ सकते हैं। गर्म रोशनी को अपनी पसंद के अनुसार एडजस्ट भी कर सकते हैं — एक फीचर जो स्मार्टफोन की तुलना में आँखों के लिए बेहद आरामदायक है।
Kindle अब केवल किताब पढ़ने का डिवाइस नहीं रहा — यह छात्रों और शिक्षाविदों के लिए एक टूल बन चुका है। आप दूसरों के किए गए हाइलाइट्स और बुकमार्क देख सकते हैं। Go-To फीचर, किताब के अध्यायों को नेविगेट करने का सरल विकल्प देता है। पढ़ाई को ट्रैक करने के लिए टाइमर भी स्क्रीन पर दिखाई देता है।
आप अपने ईमेल से पीडीएफ और ईबुक्स भेज सकते हैं और उन्हें बाद में पढ़ सकते हैं। बिल्ट-इन ब्राउज़र आपको न्यूज़ और वेबसाइट्स पढ़ने की सुविधा देता है, भले ही वह सीमित हो — यह वीडियो नहीं चलाता, लेकिन लेख बुकमार्क ज़रूर कर सकते हैं।
लेखक मानते हैं कि आज Kindle का इस्तेमाल घट गया है क्योंकि स्मार्टफोन ने उसकी जगह ले ली है। लेकिन यह समीक्षा दर्शाती है कि कैसे Kindle अब भी प्रासंगिक है — एक ऐसा डिवाइस जो पढ़ने पर ध्यान बनाए रखता है, जहाँ कोई नोटिफिकेशन या रील्स नहीं हैं।