Delhi High Court : Taimoor Nagar में अवैध निर्माण वालों के लिए बुरी खबर, बुलडोजेर चल सकता है।

Delhi High Court , VNX Report: राजधानी दिल्ली में जलभराव और नालों की सफाई में बाधा बन रहे अवैध निर्माणों पर अब कोई रहम नहीं किया जाएगा. Delhi High Court ने  दिल्ली विकास प्राधिकरण को साफ निर्देश दिए कि दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के तैमूर नगर नाले के ऊपर खड़े अवैध ढांचों को 5 मई से ध्वस्त करना शुरू किया जाए. अदालत ने दो टूक कहा कि हमें फर्क नहीं पड़ता कि किसने पैसे खाए और किसने बेच दिया, अवैध निर्माण हटाने ही होंगे.

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान अधिकारियों से तीखे सवाल पूछे. कोर्ट ने कहा कैसे इतनी बड़ी-बड़ी इमारतें बिना किसी की नजर में आए बन गईं कौन जिम्मेदार है? जांच होनी ही चाहिए. अदालत को बताया गया कि नाले की सफाई का कार्य शुरू हुआ था, लेकिन कई स्थानों पर सफाई अधूरी है.

इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए साफ कर दिया कि सिल्ट हटाने का काम फौरन पूरा किया जाए. अदालत ने निर्देश दिया कि मलबा वापस नाले में न गिरे और दिल्ली जल बोर्ड की पाइपलाइन को भी सुरक्षित रखा जाए.

Delhi High Court: DDA के वकील ने दी अहम दलील

डीडीए की वकील प्रभसहाय कौर ने जानकारी दी कि संयुक्त निरीक्षण में करीब 100 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैं, जिन पर कार्रवाई की आवश्यकता है. साथ ही बताया कि नाले के ऊपर से गुजर रही जल बोर्ड की पाइपलाइनों को ध्यान में रखते हुए तोड़फोड़ का कार्य किया जाएगा.

Delhi High Court: जिम्मेदारियों की होगी पड़ताल

Delhi High Court ने 18 मई को डीडीए, एमसीडी, स्पेशल टास्क फोर्स और क्षेत्रवासियों के साथ संयुक्त निरीक्षण करने का आदेश दिया है। निरीक्षण के बाद रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करनी होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोहराया कि अगर किसी निवासी को तोड़फोड़ के खिलाफ याचिका दायर करनी है तो उस पर चीफ जस्टिस के आदेश के तहत ही सुनवाई होगी।

यह कार्रवाई कोर्ट द्वारा दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव, खराब जल निकासी और ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए चलाए जा रहे स्वप्रेरणा अभियान का हिस्सा है। दिल्ली के नागरिकों, खासकर वकीलों ने भी सड़कों, घरों और दफ्तरों में बारिश के पानी के जमाव की गंभीर समस्या को कोर्ट के समक्ष उठाया था, जिसे कोर्ट ने बेहद गंभीरता से लिया है।

हाईकोर्ट ने अपने निर्देशों में साफ कहा कि न केवल अवैध निर्माण हटाए जाएंगे बल्कि यह भी जांच होगी कि किन अधिकारियों की लापरवाही से यह हालात पैदा हुए. अदालत ने कहा माफियाओं और भ्रष्टाचारियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा.

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