Pakistan GDP, VNX Report: पाकिस्तान की हालत किसी से छिपी नहीं है। दशकों से आर्थिक तंगी, विदेशी कर्ज और गरीबी में डूबा हुआ ये देश अब भी अपने हालात सुधारने के बजाय भारत में आतंकी साजिशों में जुटा रहता है। लेकिन अब फर्क साफ नज़र आता है — एक तरफ भारत वैश्विक मंच पर अपनी आर्थिक ताकत बढ़ा रहा है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान दिन-ब-दिन पीछे होता जा रहा है।
अब ज़रा गौर कीजिए — पाकिस्तान की पूरी GDP यानी कुल अर्थव्यवस्था जितनी बड़ी है, उससे ज़्यादा मार्केट कैप अकेले भारत की कुछ कंपनियों का है। आइए जानते हैं भारत की उन 4 बड़ी कंपनियों के बारे में जिनकी मार्केट वैल्यू ने पाकिस्तान की GDP को भी पीछे छोड़ दिया है
मार्केट गिरा, लेकिन इन कंपनियों ने दिखाई ताकत — निवेशकों को मिली थोड़ी राहत
पिछले हफ्ते शेयर बाजार में हल्की गिरावट देखने को मिली। BSE सेंसेक्स करीब 270 अंक यानी 0.33% टूटकर बंद हुआ। लेकिन इस गिरावट के बावजूद कुछ दिग्गज कंपनियों ने शानदार प्रदर्शन किया और निवेशकों के लिए राहत की वजह बनीं।
LIC बनी हफ्ते की सबसे बड़ी चमकदार खिलाड़ी, ज्यादा है Pakistan GDP से
सरकारी बीमा कंपनी LIC ने इस हफ्ते बाज़ी मार ली। इसके शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जिससे कंपनी का मार्केट कैप 59,233 करोड़ रुपये बढ़कर 6.03 लाख करोड़ तक पहुंच गया।
SBI, एयरटेल और HDFC बैंक ने भी कमाया मुनाफा
देश का सबसे बड़ा बैंक SBI भी पीछे नहीं रहा — इसका मार्केट कैप 19,589 करोड़ बढ़कर 7.25 लाख करोड़ हो गया।
भारती एयरटेल ने भी दम दिखाया और 14,084 करोड़ की बढ़त के साथ 11.13 लाख करोड़ के मार्केट कैप तक पहुंची।
वहीं, HDFC बैंक ने भी 8,462 करोड़ रुपये की बढ़त दर्ज की और अब इसका मार्केट कैप 14.89 लाख करोड़ हो गया है।

6 बड़ी कंपनियां आईं दबाव में
हालांकि दूसरी तरफ, कई दिग्गज कंपनियों को झटका भी लगा। रिलायंस, TCS, ICICI बैंक, Infosys, Bajaj Finance और HUL जैसी बड़ी कंपनियों के मार्केट कैप में गिरावट देखने को मिली।
TCS को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ — उसका मार्केट कैप 17,909 करोड़ गिरकर 12.53 लाख करोड़ रह गया।
रिलायंस को भी 7,645 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा और अब उसका मार्केट कैप 19.22 लाख करोड़ पर है।
भारत की चार दिग्गज कंपनियां — रिलायंस इंडस्ट्रीज, TCS, HDFC बैंक और भारती एयरटेल — का मार्केट कैप अब पाकिस्तान की पूरी GDP से भी ज्यादा हो चुका है। जहां पाकिस्तान की GDP करीब ₹29 लाख करोड़ के आसपास है, वहीं इन कंपनियों की संयुक्त मार्केट वैल्यू इसे पार कर चुकी है। ये फर्क साफ दिखाता है कि भारत की निजी कंपनियां भी आज वैश्विक स्तर पर कितनी मजबूत हो चुकी हैं।